Reservation in India is just representation Let us understand what is reservation in india with some examples,आरक्षण किसे कहते हैं इसे कुछ उदाहरणों से समझते हैं. भारत में आरक्षण सिर्फ प्रतिनिधित्व है
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Let us understand what is reservation with some examples
1.
When Jay Sah, who is not selected in his school's cricket team, is directly
made the secretary of BCCI, then it is called reservation.
2.
When judges are appointed directly in High Court and Supreme Court without any
examination and interview due to their family background and kinship, it is
called reservation.
3.
When the managers who open all the schools and colleges get their relatives,
daughter-in-law and sons appointed on the basis of merit and eligibility and on
government grant, then it is called reservation.
4.
When, after passing all the academic examinations and qualifying examination,
is disqualified on the basis of caste only i.e. "Not found suitable"
(No one found suitable for the post). So that further appointments can be made
to those posts according to the interests of their class, then it is called
reservation.
5.
When the state government appoints the son of a Union minister to a big post
without any competitive examination, it is called reservation.
6.
When for the first time becoming an MP or MLA, an important ministry is
entrusted in the cabinet ministry, then it is called reservation.
7.
When people belonging to a particular class are directly made secretary and
joint-secretary without passing the IAS exam, then it is called reservation.
8.
When even in the lockdown, the favorite of the Chief Minister, former Prime
Minister or other politicians go to the temples or attend the marriage-party,
while on the other hand the patients and laborers are beaten on the road by
making cock, then this privilege is called reservation.
9.
A "bankrupt company" that does not even have experience in making
arrows and arrows till date is given a contract to manufacture Rafale fighter
aircraft directly, then it is called reservation.
10.
When Yadav gets jailed and Mishra gets bail (release) in the same case, then it
is seen here that the reservation of a particular class and caste is called
reservation.
11.
When dalits, labourers, tribals, backward, farmers are attached for the loan of
ten to twenty thousand rupees and the loan of thousands and crores of rupees is
waived off, then it is called reservation.
12.
Despite the lack of infrastructure to open a primary school, "Kagji Jio
University" gets Rs 10,000 crore, that too for making it a "Center of
Excellence", it is called reservation.
13.
When the bodyguards of the President are recruited from selected castes, it is
called reservation.
14.
When people of a particular caste are sitting in temples for centuries, it is
called reservation.
15.
When the President of the country is not allowed to enter the Brahma temple due
to caste reasons, the first lady of India is treated indecently in the
Jagannath temple, the President is not invited because of caste in the
foundation stone of Ram temple and new Parliament building. If the first
donation is taken for caste and Ram temple, then it is called reservation.
Whoever
sees reservation in India, it is only representation. Which has also been
adopted in all European, American, African and Japan etc. countries.
"Representation"
is the lifeblood of democracy, which the "Constitution of India" has
provided to every citizen.
Every
countryman should be aware of this.
आरक्षण किसे कहते हैं इसे कुछ उदाहरणों से
समझते हैं:
1. जब अपने स्कूल की क्रिकेट टीम में भी चयनित न
होने वाले जय साह को सीधे BCCI के सचिव बनाते हैं, तो
इसे कहते हैं आरक्षण।
2. जब बिना किसी परीक्षा और इंटरव्यू के सीधा
हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि एवं रिश्तेदारी के कारण
जज नियुक्त होते हैं, उसे कहते हैं आरक्षण।
3. जब तमाम स्कूल और कॉलेज खोलने वाले मैनेजर अपने
रिस्तेदारों, बहू-बेटों को, बिना किसी
योग्यता और पात्रता के आधार पर और सरकारी अनुदान पर नियुक्त करा लेते हैं, तो
इसे कहते हैं आरक्षण।
4. जब तमाम अकेडमिक परिक्षाएं पास करने तथा पात्रता
परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद भी सिर्फ जाति के आधार पर अयोग्य घोषित कर दिया जाता
है अर्थात "नाट फाउंड सूटेबल"( कोई पद के योग्य नहीं मिला)। ताकि आगे उन
पदों पर अपने वर्ग के हितों के अनरूप नियुक्ति की जा सके तो उसे कहते हैं आरक्षण।
5. जब केन्द्रीय मंत्री के पुत्र को बिना किसी
प्रतियोगी परीक्षा के राज्य सरकार बड़े पद पर नियुक्त कर देती है तो इसे कहते हैं
आरक्षण।
6. जब पहली बार सांसद अथवा विधायक बनने पर कैबिनेट
मंत्रालय में अहम मंत्रालय सौंपा जाता है तो इसे कहते हैं आरक्षण।
7. जब बिना IAS की परीक्षा पास
किए किसी वर्ग-विशेष के लोगों को सीधे सचिव और संयुक्त-सचिव बना दिया जाता है तो
इसे कहते हैं आरक्षण।
8. जब लाकडाउन में भी मुख्यमंत्री, पूर्व
प्रधानमंत्री या अन्य राजनेताओं के चहेते मंदिरों में जाते हैं या विवाह-पार्टी
अटैंड करते हैं जबकि दूसरी तरफ मरीजों व मजदूरों को सड़क पर मुर्गा बनाकर पीटा जाता
है तो इस विशेषाधिकार को कहते हैं आरक्षण।
9. आज तक तीर-कमान भी न बनाने का अनुभव रखने वाली
"दिवालिया कम्पनी" को सीधे राफेल लड़ाकू विमान बनाने का ठेका दे दिया
जाता है तो उसे कहते हैं आरक्षण।
10. जब एक ही तरह् के मुकदमे में यादव को जेल और
मिश्रा को बेल (रिहाई) मिल जाती है तो यहाँ दिखाई देता है वर्ग और जाति विशेष का
आरक्षण तो उसे कहते हैं आरक्षण।
11. जब दलितों, मजदूरों,
आदिवासियों,पिछोडो,
किसानों
दस-बीस हज़ार रूपये के कर्ज के लिये कुर्की की जाती है और हजारो-लाखो करोडों रुपियों
का कर्ज को माफ कर दिया जाता है तो उसे कहते हैं आरक्षण।
12. प्राईमरी स्कूल खोलने लायक भी इंफ्रास्ट्रक्चर न
होने के बावज़ूद " कागज़ी जियो यूनिवर्सिटी" को 10,000
करोड़ रूपये मिलते हैं वो भी "सेंटर आफ एक्सीलेंस" बनाने के लिये तो इसे
कहते हैं आरक्षण।
13. जब राष्ट्रपति के अंगरक्षकों की भर्ती चुनिन्दा
जातियों से की जाती है तो उसे कहते हैं आरक्षण।
14. जब मंदिरों में जाति-विशेष के लोग सदियों से
कब्जा किये बैठे हों तो उसे कहते हैं आरक्षण।
15.जब देश के राष्ट्रपति को जातिगत कारणों से
ब्रम्हा के मंदिर में नही जाने दिया जाता,जगन्नाथ मंदिर में भारत के प्रथम महिला
के साथ अभद्र व्यवहार किया जाता है, राम मंदिर और नये संसद भवन के
शिलान्यास में जाति के कारण राष्ट्रपति को नही बुलाया जाता और राममंदिर के लिये
पहला चंदा लिया जाता है तो इसे कहते है आरक्षण
जिसको भारत में आरक्षण नजर आता है, वो
सिर्फ प्रतिनिधित्व है। जो सभी यूरोपीय, अमेरिकी, अफ्रीकी और
जापान आदि देशों में भी अपनाया गया है।
" प्रतिनिधित्व " लोकतंत्र का प्राण होता है,
जिसे
"भारतीय संविधान " ने अपने प्रत्येक नागरिक को प्रदान किया है।
हर देशवासियों को इसकी जानकारी होनी चाहिये ।
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